पारदर्शिता रिपोर्ट

चुनिंदा नीतियां

इस सेक्शन में हमारी उन नीतियाें के बारे में ज़्यादा जानकारी दी गई है जिनके तहत, अपने-आप फ़्लैग करने वाला हमारा सिस्टम, नियमाें का उल्लंघन करने वाले वीडियाे की पहचान करता है. अपने-आप फ़्लैग करने वाला हमारा सिस्टम जब किसी विवादास्पद वीडियाे काे फ़्लैग करता है, तब YouTube की टीम उस वीडियाे की समीक्षा करके यह तय करती है कि उस वीडियाे की वजह से असल में हमारी नीतियाें का उल्लंघन हो रहा है या नहीं. इसके बाद हमारी टीम, वीडियाे के ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई करती है. हमारे इन फ़ैसलाें से ही हमारी मशीन (अपने-आप होने वाली फ़्लैगिंग का सिस्टम) लगातार यह सीखती है कि भविष्य में हमारी नीतियाें का पालन कराने के लिए कैसे काम करना है.

चुनिंदा नीतियां: हिंसक वीडियो

हिंसक चरमपंथियाें के ख़िलाफ़ बनी हमारी नीतियाें का उल्लंघन करने वाले वीडियाे, वे वीडियाे हाेते हैं जिनमें सरकार की आेर से घाेषित किए गए विदेशी आतंकवादी संगठनाें की बनाई हुई सामग्री हाेती है. हम आतंकवादी संगठनाें काे, आतंकवादियाें की भर्ती जैसे किसी भी काम के लिए YouTube का इस्तेमाल नहीं करने देते. YouTube कड़े ताैर पर ऐसी सामग्री पर भी राेक लगाता है, जाे आतंकवाद का प्रचार करती हाे, जैसे आतंकवादी घटनाआें या हिंसा काे बढ़ावा देने वाली सामग्री. हम ऐसी सामग्री YouTube पर डालने की अनुमति तभी देते हैं, जब वीडियाे शिक्षा, डॉक्युमेंट्री, विज्ञान या कला से जुड़े किसी मकसद से डाला गया हो.

जाे हिंसक उग्रवादी समूह, सरकार की आेर से घाेषित किए गए विदेशी आतंकवादी संगठनाें की सूची में नहीं हैं, उनके ख़िलाफ़ हमारी दूसरी नीतियाें के तहत कार्रवाई की जाती है. इन नीतियाें में नफ़रत भरी सामग्री या हिंसक या घिनौनी सामग्री आैर ऐसी सामग्री के लिए कार्रवाई तय है, जाे पहली बार में ही किसी काे चाैंका दे, सनसनी फैला दे या जिसमें बेवजह हिंसा हाे. हमारी टीम के लाेग YouTube की नीतियाें आैर ग्रुप दिशा-निर्देशाें के हिसाब से ही, फ़्लैग की गई सामग्री की समीक्षा करते हैं. इस सेक्शन में हमने सिर्फ़ उन्हीं वीडियो की संख्या दी है, जो हिंसक चरमपंथियाें से जुड़ी नीतियों का उल्लंघन करने की वजह से हटाए गए थे.

हटाए गए कुल वीडियो
3,28,021

ग्रुप दिशा-निर्देश और लागू करने से जुड़ी जानकारी

YouTube, तकनीक का इस्तेमाल करके दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले वीडियो की पहचान कैसे करता है: हिंसक अतिवाद

YouTube ने ऑटोमेटेड सिस्टम (कार्रवाइयों को अपने-आप पूरा करने वाले सिस्टम) डेवलप किए हैं. ये हमारी नीतियाें का उल्लंघन करने वाले वीडियो की पहचान करने में मदद करते हैं. जब ये सिस्टम, किसी वीडियो काे फ़्लैग करते हैं, तब उसकी मानवीय समीक्षा करके, इस बात की पुष्टि की जाती है कि वह हमारी नीतियों का उल्लंघन करता है या नहीं. अगर समीक्षा में पता चलता है कि वीडियो से हमारी नीतियों का उल्लंघन हो रहा है, तो हम उसे हटा देते हैं. साथ ही, इससे सबक लेकर हम अपने सिस्टम में भी सुधार करते हैं, ताकि आने वाले समय में इस तरह की गलती दोबारा न हो. जिस खाते से ऐसा वीडियो पाेस्ट किया जाता है, उसके ख़िलाफ़ स्ट्राइक भेजी जाती है. एक से ज़्यादा स्ट्राइक हाेने पर खाते को बंद कर दिया जाता है. हमारी टीम ने ऑटोमेटेड सिस्टम की मदद से, चरमपंथ को बढ़ावा देने वाले 30 लाख से ज़्यादा वीडियो की मैन्युअल रूप से समीक्षा की है, ताकि सिस्टम को सिखाने के लिए बड़ी संख्या में उदाहरण के तौर पर वीडियो उपलब्ध कराए जा सकें. इससे मशीन लर्निंग सिस्टम की फ़्लैग करने की सुविधा को बेहतर बनाने में मदद मिलती है.

मशीन लर्निंग की मदद से, अब हम चरमपंथ को बढ़ावा देने वाले कॉन्टेंट को, ज़्यादा लोगों तक पहुंचने से पहले ही हटा सकते हैं. इस तरह के कॉन्टेंट के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की हमारी कोशिशों का असर: अप्रैल 2022 से जून 2022 के बीच, जिन वीडियो को हिंसक चरमपंथ के ख़िलाफ़ बनाई गई नीति का उल्लंघन करने की वजह से हटाया गया उनमें से करीब 95% वीडियो, पहले अपने-आप फ़्लैग हुए थे.

हैश शेयरिंग: हिंसक अतिवाद

YouTube, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके, पहले नीतियों का उल्लंघन कर चुके कॉन्टेंट को फिर से अपलोड होने से रोकता है. ऐसा, YouTube पर लोगों को कॉन्टेंट दिखने से पहले ही हो जाता है. हम बच्चों का यौन शोषण दिखाने वाली तस्वीरों को YouTube पर फैलने से रोकने के लिए, इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल लंबे समय से करते आ रहे हैं. साल 2016 में, हमने कई इंडस्ट्री पार्टनर के साथ एक हैश शेयर करने वाला डेटाबेस बनाया. इसमें हम आतंकवाद से जुड़े कॉन्टेंट के हैश (या “डिजिटल फ़िंगरप्रिंट”) शेयर करते हैं, ताकि ऐसे कॉन्टेंट को फैलने से रोका जा सके. शेयर किए गए इस डेटाबेस में, फ़िलहाल Undefined parameter - FormatNumber से ज़्यादा यूनीक हैश मौजूद हैं. इन्हें देखने पर, ये काफ़ी हद तक एक जैसे दिखते हैं.

हैश शेयर करने वाले डेटाबेस के लिए, हैश का योगदान देने में हमारी अहम भूमिका है. ऐसा YouTube की बड़ी मीडिया लाइब्रेरी और हिंसक चरमपंथ वाले कॉन्टेंट की पहचान करने वाले हमारे ऑटोमेटेड सिस्टम की वजह से मुमकिन हुआ है. 'ग्लोबल इंटरनेट फ़ोरम टू काउंटर टेररिज़म' के तहत कॉन्टेंट शेयर करने की शर्तों के मुताबिक, 2023 में YouTube ने हैश शेयर करने वाले डेटाबेस के लिए Undefined parameter - FormatNumber से ज़्यादा यूनीक हैश का योगदान दिया.

कॉन्टेंट को हैश किए जाने के बाद, दूसरे प्लैटफ़ॉर्म इन हैश का इस्तेमाल कर सकते हैं. वे इनका इस्तेमाल, अपने प्लैटफ़ॉर्म पर आतंकवाद से जुड़े कॉन्टेंट की पहचान करने के लिए कर सकते हैं. साथ ही, वे अपने कॉन्टेंट की नीतियों के हिसाब से उस कॉन्टेंट का आकलन कर सकते हैं. साल 2017 में, इस डेटाबेस में योगदान देने वाली और इससे फ़ायदा पाने वाली कंपनियों की संख्या 4 थी, जो अब बढ़कर 13 हो गई है. इस व्यवस्थित पहल को अब आधिकारिक तौर पर 'ग्लोबल इंटरनेट फ़ोरम टू काउंटर टेररिज़म' (जीआईएफ़सीटी) चला रहा है.

आतंकवाद से लड़ने वाला ग्लोबल इंटरनेट फ़ोरम: हिंसक अतिवाद

साल 2017 में, YouTube, Facebook, Microsoft, और Twitter ने, कंपनियों के ग्रुप के तौर पर 'ग्लोबल इंटरनेट फ़ोरम टू काउंटर टेररिज़म' (जीआईएफ़सीटी) की स्थापना की. इसका मकसद है कि कोई भी आतंकवादी समूह, इस ग्रुप में शामिल कंपनियों के डिजिटल प्लैटफ़ॉर्म का गलत इस्तेमाल न कर पाए. हालांकि, हमारी कंपनियां आतंकवाद की रोकथाम के लिए, सबसे सही तरीकों के बारे में कई सालों से लोगों को जागरूक करती आ रही हैं. फिर भी, जीआईएफ़सीटी की मदद से, यह काम तेज़ी से और व्यवस्थित तरीके से मुमकिन हो पाया है. साथ ही, इसकी मदद से सभी कंपनियां एकजुट होकर, इंटरनेट पर आतंकवाद से जुड़े कॉन्टेंट को ज़्यादा लोगों तक पहुंचने से रोक सकती हैं. टेक अगेंस्ट टेररिज़म पहल के साथ मिलकर, जीआईएफ़सीटी एक ग्लोबल वर्कशॉप को होस्ट करता है. इस वर्कशॉप में, टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियां, गैर-सरकारी संगठन, और अंतरराष्ट्रीय सरकारी विभाग शामिल होते हैं.

हैश शेयर करने वाले डेटाबेस का इस्तेमाल, अलग-अलग सदस्य और इंडस्ट्री पार्टनर करते हैं. इसलिए, इस बात पर सभी की आम सहमति ज़रूरी थी कि कॉन्टेंट के हैश की समीक्षा या उसे शेयर करने के लिए, किस तरह के कॉन्टेंट को आतंकवाद या चरमपंथ से जुड़ा माना जाए. साल 2021 की जीआईएफ़सीटी की सालाना पारदर्शिता रिपोर्ट के मुताबिक, “हैश शेयर करने वाले डेटाबेस का मूल दायरा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी प्रतिबंधों की सूची में शामिल संगठनों से जुड़े कॉन्टेंट तक सीमित है.”

YouTube और जीआईएफ़सीटी के अन्य संस्थापक सदस्यों ने, इंटरनेट पर मौजूद आतंकवाद और हिंसक चरमपंथी विचारधारा वाले कॉन्टेंट को हटाने के लिए क्राइस्टचर्च कॉल को सहमति दी. क्राइस्टचर्च कॉल के अलावा, जीआईएफ़सीटी ने एक नया कॉन्टेंट इंसिडेंट प्रोटोकॉल (सीआईपी) बनाया. यह प्रोटोकॉल, जीआईएफ़सीटी की सदस्य कंपनियों के लिए बनाया गया, ताकि वे किसी हिंसक हमले के बाद, अपराधियों के बनाए गए लाइव स्ट्रीम वाले कॉन्टेंट के ख़िलाफ़ बेहतर कार्रवाई कर सकें. इस प्रोटोकॉल को टेस्ट किया गया और यह असरदार साबित हुआ. जैसे, जर्मनी के हैली शहर में एक सिनेगाग पर हुआ हमला (अक्टूबर 2019), एरिज़ोना (अमेरिका) के ग्लैंडेल शहर में हुई गोलीबारी (मई 2020), न्यूयॉर्क (अमेरिका) के बफ़लो शहर में हुई गोलीबारी (जून 2022), और टेनेसी (अमेरिका) के मेंफ़िस शहर में हुई गोलीबारी के बाद इस प्रोटोकॉल को लागू किया गया. सीआईपी के बनने के बाद से, जीआईएफ़सीटी ने अपने इंसिडेंट रिस्पॉन्स फ़्रेमवर्क को ज़्यादा बेहतर बनाया है, ताकि किसी हिंसक हमले के बाद अपराधियों के बनाए गए, बिना लाइव स्ट्रीम वाले वीडियो और इमेज के ख़िलाफ़ कार्रवाई करते समय कॉन्टेंट इंसिडेंट टियर को शामिल किया जा सके. राजस्थान (भारत) के उदयपुर शहर में हुए हमले (जुलाई 2022) के बाद, इसे पहली बार लागू किया गया.

जीआईएफ़सीटी धीरे-धीरे बेहतर होकर एक स्वतंत्र संगठन बन गया है. अब इसके पास एक इंडिपेंडेंट एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर और स्टाफ़ है. जीआईएफ़सीटी में सरकारी प्रतिनिधियों और गैर-सरकारी सदस्यों की एक स्वतंत्र सलाहकार समिति भी शामिल है. इसमें एडवोकेसी ग्रुप के सदस्य, मानवाधिकार विशेषज्ञ, शोधकर्ता, और तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल हैं. संस्था के नए गवर्नेंस फ़्रेमवर्क के तहत YouTube, जीआईएफ़सीटी के एक्ज़ीक्यूटिव ऑपरेटिंग बोर्ड का हिस्सा है.

शिक्षा, डॉक्यूमेंट्री, विज्ञान और कला से जुड़े वीडियो: हिंसक अतिवाद

अगर उपयोगकर्ता कुछ सिखाने के लिए, डॉक्यूमेंट्री के तौर पर, वैज्ञानिक आधारों या कला से जोड़कर भी आंतकवाद वाले वीडियो डाल रहे हैं, तो हमारा सुझाव है कि वे इस बारे में पूरी जानकारी दें, जिससे दर्शक वीडियो डालने की सही मकसद समझ सकें. ऐसे हिंसक या खून-खराबे वाले वीडियो नहीं पोस्ट किए जाने चाहिए, जिनका मुख्य उद्देश्य डर पैदा करना, सनसनी फैलाना या कोई गलत इरादा हो. अगर वीडियो में साफ़ तौर पर खून-खराबा दिखाया गया है, तो उसमें ऐसा दिखाने के मकसद के बारे में जानकारी होनी चाहिए और दर्शकों को समझाया जाना चाहिए कि उन्हें यह सब क्यों दिखाया जा रहा है. ऐसा शुरुआत में एक लेख जोड़कर, वीडियो में बोलकर या वीडियो में टेक्स्ट ओवरले डालकर किया जा सकता है. साथ-ही सही टाइटल और जानकारी की मदद से भी ऐसा किया जा सकता है. डॉक्यूमेंट्री या शिक्षा से जुड़े मकसद की जानकारी देने से दर्शकों और समीक्षकों को समझने में मदद मिल सकती है कि कभी- कभी YouTube पर हिंसा दिखाने वाले वीडियो क्यों डाले जाते हैं. उदाहरण के लिए, अगर कोई पत्रकार ऐसा वीडियो रिकॉर्ड करता है, जिसमें धरना देने वाले लोगों को मारते हुए दिखाया जा रहा है और यह वीडियो वह पूरी जानकारी (तारीख, जगह, मकसद, वगैरह) के साथ YouTube पर डालता है, तो यह वीडियो YouTube से नहीं हटाया जाएगा. हालांकि, अगर यही वीडियो बिना किसी जानकारी के अपलोड किया जाता है, तो माना जाएगा कि वीडियो गलत इरादे से डाला गया है और उसे YouTube से हटा दिया जाएगा. हिंसा दिखाने वाले या संवेदनशील वीडियो पर उम्र से जुड़ी पाबंदी या चेतावनी वाली स्क्रीन जोड़ी जा सकती है.

भरोसेमंद फ़्लैगर: हिंसक चरमपंथ

हमारी नीतियां अलग-अलग तरह के कॉन्टेंट पर लागू होती हैं. हम 300 से ज़्यादा शिक्षा से जुड़ी संस्थाओं, सरकारी पार्टनर, और एनजीओ के नेटवर्क में निवेश करना जारी रखेंगे. ये पार्टनर और संस्थाएं, नीति लागू करने के हमारे सिस्टम में, अपनी विशेषज्ञता के चलते अहम योगदान करती हैं. इसमें हमारे Priority Flagger Program के तहत किए गए योगदान भी शामिल हैं. Priority Flagger Program में हिस्सा लेने वाले लोगों को YouTube के कम्यूनिटी दिशा-निर्देश लागू करने की ट्रेनिंग दी जाती है. YouTube इस्तेमाल करने वाले आम उपयोगकर्ताओं की तुलना में, हम इस प्रोग्राम में शामिल हुए लोगों के फ़्लैग किए गए ज़्यादा वीडियो पर कार्रवाई करते हैं. इसलिए, हम इन वीडियो की समीक्षा सामान्य वीडियो से पहले करते हैं. Priority Flagger Program में हिस्सा लेने वाले लोग, हमारी 'भरोसा और सुरक्षा टीमों' से सीधे बातचीत करके, अपनी समस्याओं को तेज़ी से हल कर सकते हैं. किसी आम उपयोगकर्ता के फ़्लैग किए गए वीडियो की तरह, भरोसेमंद फ़्लैगर के फ़्लैग किए गए वीडियो पर भी समान नीतियां लागू होती हैं. हमारी टीम फ़्लैग किए गए वीडियो की समीक्षा करती है. इस टीम के सदस्यों को यह तय करने की ट्रेनिंग दी जाती है कि किस वीडियो को हमारे कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने की वजह से हटाया जाना चाहिए और किसे नहीं.

वीडियो को फ़्लैग किए जाने की प्रक्रिया के उदाहरण: हिंसक वीडियो

ये उन वीडियो के उदाहरण हैं, जिन्हें इसलिए फ़्लैग किया गया था क्योंकि शायद वे हमारे ग्रुप दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर रहे थे. इन उदाहरणों में हमें मिलने वाली कुछ फ़्लैग की गई सामग्रियों की केवल एक झलक दी गई है और ये उदाहरण विस्तार से पूरी जानकारी नहीं देते.

फ़्लैग करने का कारण
यौन चीज़ें दिखाने वाले वीडियो
किस तरह के फ़्लैगर ने फ़्लैग किया
भरोसेमंद फ़्लैगर
वीडियो की जानकारी
इस वीडियो में, किसी नाबालिग को सेक्शुअल ऐक्ट में शामिल होते हुए दिखाया गया है.
नतीजा
यह वीडियो बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी नीतियों का उल्लंघन करता है. इन नीतियों के तहत, नाबालिगों को सेकशुअल ऐक्ट में शामिल किए जाने पर पाबंदी लगाई है. इस वजह से, वीडियो को पोस्ट करने वाले चैनल को हटा दिया गया है.
फ़्लैग करने का कारण
बाल शोषण
किस तरह के फ़्लैगर ने फ़्लैग किया
भरोसेमंद फ़्लैगर
वीडियो की जानकारी
इस वीडियो में, किसी नाबालिग को सेक्शुअल ऐक्ट नहीं मानी जाने वाली गतिविधि में दिखाया गया है. वहीं दूसरी ओर, इसी वीडियो के टाइटल में, नाबालिग को कामुक तरीके से दिखाया गया है.
नतीजा
यह वीडियो बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी नीतियों का उल्लंघन करता है. इन नीतियों के तहत, नाबालिगों को सेकशुअल ऐक्ट में शामिल किए जाने पर पाबंदी लगाई है. इस वजह से, वीडियो को पोस्ट करने वाले चैनल को हटा दिया गया है.
फ़्लैग करने का कारण
नफ़रत या बुरा बर्ताव दिखाने वाले वीडियो
किस तरह के फ़्लैगर ने फ़्लैग किया
भरोसेमंद फ़्लैगर
वीडियो की जानकारी
इस वीडियो में, एक नाबालिग के चेहरे को किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर पर लगाकर दिखाया गया है. साथ ही, ऑडियो को शामिल करके यह बताया गया है कि नाबालिग समलैंगिक है.
नतीजा
यह वीडियो, उत्पीड़न और इंटरनेट पर धमकी के ख़िलाफ़ तय की गई नीतियों का उल्लंघन करता है. ऐसा किसी नाबालिग को शर्मिंदा करने, उसे धोखा देने या उसका अपमान करने के मकसद से किया गया है. इस वजह से, वीडियो को पोस्ट करने वाले चैनल को हटा दिया गया है.
फ़्लैग करने का कारण
बाल शोषण
किस तरह के फ़्लैगर ने फ़्लैग किया
भरोसेमंद फ़्लैगर
वीडियो की जानकारी
इस वीडियो में, स्कूल में नाबालिगों को सेक्शुअल ऐक्ट में शामिल होने के लिए उकसाया गया है.
नतीजा
यह वीडियो बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी नीतियों का उल्लंघन करता है. इन नीतियों के तहत, नाबालिगों को सेकशुअल ऐक्ट में शामिल किए जाने पर पाबंदी लगाई है. इस वजह से, वीडियो को पोस्ट करने वाले चैनल को हटा दिया गया है.
फ़्लैग करने का कारण
नफ़रत या बुरा बर्ताव दिखाने वाले वीडियो
किस तरह के फ़्लैगर ने फ़्लैग किया
उपयोगकर्ता
वीडियो की जानकारी
एक वीडियो जिसमें यह दावा किया गया है कि मार्च 2019 को न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च में मस्जिदों पर किए गए हमले नकली थे.
नतीजा
वीडियो में नफ़रत फैलाने वाली भाषा से जुड़ी नीति का उल्लंघन किया गया है. इसमें यह कहा गया है कि ऐसी हिंसक घटनाएं जिनके होने के सबूतों और गवाहों से जुड़े दस्तावेज़ मौजूद हैं, वे कभी हुई ही नहीं. वीडियो हटा दिया गया है.

YouTube ग्रुप दिशा-निर्देश लागू करना

दुनिया भर के दर्शक और क्रिएटर्स, YouTube की मदद से अपने विचार और राय लोगों के सामने रखते हैं. YouTube की चार मुख्य ज़िम्मेदारियां हैं: उल्लंघन करने वाले कॉन्टेंट को हटाना, असरदार आवाज़ों को बढ़ावा देना, करीब-करीब उल्लंघन करने वाले कॉन्टेंट को हटाना, और भरोसेमंद क्रिएटर्स को इनाम देना.

'YouTube कैसे काम करता है' पर जाकर ज़्यादा जानें